मोबाइल पर अब नहीं करनी पड़ेगी टाइपिंग

1990 के दशक में अधिकांश मोबाइल फोनों पर अंग्रेजी का शब्द ‘हेलो’ लिखने के लिए बटनों को 13 बार दबाना पड़ता था। यानि कि 44-33-555-555-666। लेकिन सिएटल के विशेषज्ञ क्लिफ कुशलेर और उनके एक साथी ने इस समस्या को दूर करने के लिए टी9 नाम का साफ्टवेयर बनाया जो केवल तीन बार बटन दबाने पर हेलो शब्द को अपने आप पहचान लेता है।
कुशलेर का मानना है कि टच स्क्रीन पर टाइपिंग की समस्या का भी उनके पास समाधान है। उन्होंने अपने एक साथी वैज्ञानिक रैंडी मार्सडेन के साथ मिलकर एक नया सॉफ्टवेयर विकसित किया है जिसका नाम स्वाइप है। जब आप टचस्क्रीन के की-बोर्ड पर अपनी उंगली से कोई शब्द लिखते हैं तो स्वाइप इस शब्द को पहचानने के लिए यह देखता है कि आपकी उंगली कहां रुकी और किस तरफ मुड़ी।
जरूरी नहीं है कि आपकी उंगली का मूवमेंट एकदम सटीक हो, क्योंकि यह साफ्टवेयर इस बात का अनुमान लगा लेता है कि उपयोगकर्ता किस शब्द को लिखने जा रहा है। कैपिटल लेटर या डबल लेटर लिखने के लिए आपको उंगली को थोड़ा रोककर संकेत देना होगा। वहीं स्पेसिंग या पंक्चुएशन को यह सॉफ्टवेयर खुद लगा लेगा। अमेरिका में स्वाइप का इस्तेमाल सात स्मार्टफोन्स में किया जा रहा है। कुशलेर का कहना है कि साल के अंत तक विश्वभर में 50 से अधिक मॉडलों में यह सॉफ्टवेयर आ जाएगा।